Wednesday, May 21, 2008

आमिर, शाहरुख़ और आमिर का कुत्ता

लगान, रंग दे बसंती, और तत्कालीन तारे ज़मीन पर जैसे महान सफल चलचित्र के पृष्ठ नायक एवं निर्माता आमिर खान के एक गैर जिम्मेदार ब्लॉग पोस्ट ने संभवतः उनके गंभीर चरित्र के ऊपर एक प्रश्नचिंह लगा दिया है। प्रायोगिक तथा यथार्थवादी मुद्दों पर फ़िल्म बनने वाले ये नायक/निर्माता/ निर्देशक आमिर खान अवश्य ही किसी हीनभावना से ग्रसित हैं। उनके स्वयं के व्यक्तिगत जीवन मे उनके चरित्र की बात तो जग जाहिर है , जिसका जिक्र मैं यहाँ नहीं करना चाहता। किंतु अपने समकालिक एक अन्य महान नायक की तुलना अपने पालतू से करके निश्चय ही उन्होंने स्वयं को विवादों के कटहरे मे खड़ा कर लिया है।

मुद्दा ये नहीं है की उनके पालतू का नाम शाह रुख है या नहीं, बल्कि यह है की , जिस प्रतिस्पर्धा ओर द्वेष से प्रेरित होकर उन्होंने ऐसी बात लिखी है वह अवांछनीय है। यदि दो मिनट के लिए मान भी लिया जाए की उनके पालतू का नाम शाह रुख है , तो भी एक जिम्मेदार आदमी को कदाचित यह बात सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए , ओर वो भी तब जब यह बात सीधा उनसे जुडा हुआ है जिन्हें वो अपना मित्र कहते हैं । उनके इस टिपण्णी से सामने वाले को कोई अन्तर नहीं परता । वैसे भी सदैव विवादों मे रहे आमिर की यह टिपण्णी एक ऐसे कलाकार के बारे मे जो जो कभी विवादों मे नहीं रहता हस्यास्प्रद है ।

वैसे मेरे भी पड़ोस मे एक सफाई कर्मचारी रहता है , जो हर रोज़ सड़क की गंदगी साफ करता है , उसका नाम आमिर खान है , यह बात मैं कह सकता हूँ क्योंकि मेरी ख्याति का स्तर उतना नहीं है जितना आमिर जी का है। ओर अगर कह भी दिया तो मैंने एक प्रायोगिक बात कही जो सम्भव है , एक सफाई कर्मचारी का नाम आमिर खान हो ही सकता है , किंतु उनकी बात तो हर तरह से अतार्किक है की उनके कुत्ते का नाम शाह रुख है। सचमुच कितनी घटिया मानसिकता पाल के रखते हैं आमिर जी आप । वैसे तो लोग अपने बच्चो का नाम विख्यात लोगों के नाम पर रखते हैं , लेकिन इन्होने तो पालतू कुत्ते का नामकरण करके एक नई प्रथा का शिलान्यास कर दिया है। आश्चर्य नहीं होगा अगर कल को मेरे मित्र के घर मे रहने वाली बिल्ली का नाम मेरा मित्र किरण ( आमिर की पत्नी) रख दे।

अब भले ही आमिर जी जनता ओर अपने खान भाई के सामने कितने भी क्षमा प्रार्थी हो जाएं, पर निश्चित रूप से इस आधारहीन बात से आमिर ने अपने कई प्रशंसकों को निराश किया है , ओर साथ साथ उनकी वास्तविकता भी सामने आ गई है।

referance :
http://aamirkhan.com/blog.htm

1 comment:

ओंकारनाथ मिश्र said...

Nadan babu bilkul sahi baat kahi. Amir Khan ka naitik patan itna ho chuka hai ye maine bhi nahi socha tha.Amir ke ye kunthith bhaavana ek baar fir se yaad dilati hai ki sanskaar aur charitra aadmi ke liye kitna mahatvapoorn hai.

Aisa likhane se shahrukh ka to kuchh nahi hua par unki khud ki pataloon utar gayi.