Thursday, May 1, 2008

यथार्थ

यथार्थ क्या है?? क्या तात्पर्य होता है यथार्थ का? अगर हम इसका शाब्दिक अर्थ जानने का प्रयास करें तो ये शब्द "वास्तविकता " का पर्यायवाची जान परता है। अर्थात किसी वस्तु अथवा व्यक्ति मी निहित उसकी सत्यता , जिसे हम अंग्रेजी मी Realism कहते हैं। अब प्रश्न खड़ा होता है की हमें किन चीजों मे यथार्थ देखने को मिलता है - इसका सरल उत्तर है , मनुष्य के अतिरिक्त ब्रह्माण्ड के हर हर चीज में । निर्जीव वस्तुओं का यथार्थ तो प्रत्यक्ष होता है, जैसे एक कलम का यथार्थ है लिखना , उसी तरह अन्य निर्जीव वस्तुओं का भी यथार्थ अत्यन्त सरल होता है। किंतु मनुष्य के साथ यह बिल्कुल विपरीत है। मनुष्य का यथार्थ प्रत्यक्ष नही होता अपितु छुपा हुआ होता है। उसका यथार्थ वो नही होता जो वह दिखाता है, बल्कि उसका यथार्थ वो होता है जो छुपाता है, वही उसकी वास्तविकता होती है जो दृश्य नही होती। मनुष्य हमेशा अपने यथार्थ से परे रहता है , और सांसारिक उलझनों मे अपनी सत्यता खो देता है।

1 comment:

Samir Kumar Mishra said...

Reality is nothing but an illusion, albeit a persistent one..